दिवाली का त्यौहार 2019 : Essay on Diwali in Hindi For School Students
दिवाली 2019 में 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी और इस बार दिवाली का रंग ढंग बहुत ही अलग होगा और उम्मीद की जा रही है कि इस बार की दिवाली बिलकुल स्वस्थ और साफ सुथरी साबित होगी.
इसका कारण ये है की पिछली दिवाली पर ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हम भारतीय लोगों की सेहत और भारत की स्वस्था को देखते हुए बम पटाखे फोड़ने के लिए रोक लगा दी थी.
पिछली बार बम पटाखे पर लगी रोक के कारण भारत में स्वच्छता अभियान बरकरार रहा। इसकी वजह से भारत में भी इस बार बम पटाखे की आवाज कम सुनाई देगी। बात सारी मानव कल्याण की होती है.
बम पटाखे से जो आनंद मिलता है वो केवल कुछ समय के लिए होता है और ऐसा आनंद केवल अपने तक ही समिति होता है।
लेकिन पर्यावरण के लिए कुछ ऐसी चीज जो अच्छी है वो सबके हित में अच्छे फलस्वरूप होता है। बम पटाखे फुलझड़ियाँ इन सबका इस्तेमाल ना करने से भारत में साफ और शुद्ध हवा होती है.
दिवाली का महत्व : Importance of Diwali Festival in Hindi
दिवाली एक हिंदु धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। दिवाली भगवान श्री राम जी के वनवास से वापस आने की खुशी में मनाया जाता रहा है.
हिन्दू धर्म में बहुत से देवी देवता है। भगवान श्री राम ने रावण का वध कर और माता सीता को प्राप्त किया था.
भगवान श्री राम जी जब वापस अपने राज्य अयोध्या आए थे तब उनके आने की खुशी में पूरे अयोध्या नगरी में घी के दीपक जलाए गए थे.
अयोध्यावासियों भगवान श्री राम जी को अपना देवता मानते थे। भगवान श्री राम जी ने बुराई पर अच्छाई की जीत की थी। श्री राम जी के अयोध्या आने की खुशी में पूरा अयोध्या घी के दीपक से जगमगा उठा था.
अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बड़ा चुकी थी। इस त्यौहार को आज भी सम्पूर्ण भारत में बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है.
दिवाली को पूरे भारत में बड़ी ही खुशी के साथ धूम -धाम से मनाते हैं। दिवाली केवल भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोग भी बहुत धूम-धाम से मनाते हैं.
दीपावली पर निबंध जिसमे आपको दीपावली की सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी.
इस लेख में आपको ये मालूम होगा की दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध आदि।
सभी स्कूल के छात्र, कॉलेजों के छात्र दिवाली पर निबंध खोजते हैं। स्कूलो में,
कॉलेजों में और अन्य जगह भी दिवली त्यौहार के लिए दिवाली पर निबंध लिखना होता है। दिवाली पर निबंध 10 लाइनें की जरूरत होती हैं। आपके लिए दिवाली की सम्पूर्ण जानकारी निम्नलिखित कराई गई है.
Must Read:
Long Essay on Diwali in Hindi For Class 10 To 12 (1000 Words)
People Also Ask For:
हैप्पी दिवाली निबंध 2019, दिवाली पर निबंध हिंदी में, दीपावली पर निबंध इन हिंदी, दीवाली पर हिंदी निबंध, दिवाली का महत्व, दिवाली का इतिहास, स्टूडेंट्स के लिए दिवाली पर आसान निबंध, दीपावली का निबंध हिंदी में, दिवाली का निबंध।
Happy Diwali Essay in Hindi 2019, Diwali par nibandh hindi me, Deepawali par hindi nibandh, Essay on deepawali in hindi for students, Diwali ka nibandh, Simple essay on diwali for school students in hindi, 10 lines essay on diwali in hindi, Essay on diwali in hindi.
दीपावली पर निबंध | दीपावली पर छोटा सा निबंध | दिवाली पर निबंध (1000 शब्द)
|| Essay on Diwali in Hindi ||

Essay on Diwali in Hindi
दीपावली का त्यौहार हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला त्यौहार है। ये भारत देश में सर्वश्रेष्ठ तौर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है।
दिवाली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
अयोध्या के राजा दशरथ जी के सबसे बड़े बेटे भगवान श्री राम ने 14 साल का वनवास काटकर माता सीता को रावण के चंगुल से वापस निकाल कर तथा रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे.
श्री राम भगवान की आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने वहां के सभी लोगों ने घी दिये जलाए थे। तब से लेकर अभी तक प्रत्येक वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता रहा है.
भारतीय लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बड़े हर कोई बहुत ही धुम-धाम से मनाता है।
यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दिवाली का त्यौहार बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार खुशियाँ बांटने का त्यौहार है.
छोटी दिवाली से ही लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और मिठाइयाँ, उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष शरद ऋतु में अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं.
दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर, आदि को साफ सुथरा कर पुताई कर एक दम दुल्हन की तरह सजाते हैं।
सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है।
दिवाली का दिन भारतीय लोगों में एकता का प्रतीक है इस दिन सभी लोग सारे भेद भाव छोड़ के अपना दिवाली का त्यौहार सबके साथ में मनाते है.
दिवाली के दिन अमावस्या होती है और अमावस्या के दिन दीपक जलाने से अमावस्या की रात पूर्णिमा में बदल जाती है.
दिवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी रोशनी देने वाली लाइट, दीये, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है।
दीवाली की शाम माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलझड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है।
भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम-धाम से मनाया जाता है।
भारतीय लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं। दीपक चाहे घी के हो या तेल के श्रद्धा पूरी होनी चाहिए.
दीपक जला कर सभी अँधेरों को दूर किया जाता है। दीपावली के दिन घरों में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी अपने खेल कूद में लग जाते हैं उन्हे पटाखे फोड़ना, मिठाइयाँ खाना पसंद होता है, स्वादिष्ट व्यंजनों की कतार लग जाती है इस दिन, मोमबत्ती और दिये की खुशबू चारों तरफ फैली रहती है.
हिन्दू धर्म में ये त्यौहार अपने रिश्तेदारों खास मित्रों के साथ मनाते है। दीपावली के दिन एक दूसरे को मिठाई देते हैं और दीपावली की बधाइयाँ देते हैं.
सभी लोग द्वारा अपनी इच्छानुसार नए कपड़े खरीदे जाते हैं। दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है.
दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों छोटी दिवाली मनाई जाती है.
स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते है.
प्राचीन काल से ही इस त्यौहार की अपनी महत्वता है। दिवाली का त्योहार एक अंधकार को खत्म कर रोशनी को फैलाने का त्यौहार है.
दीपावली 5 दिनों का एक लंबा उत्सव है जिसको लोग पूरे आनंद और उत्साह के साथ मनाते है।
- दीपावली के पहले दिन को धनतेरस।
- दूसरे दिन को छोटी दीवाली।
- तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा।
- चौथे को गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा।
- पांचवें को भैया दूज कहते है।
दीपावली के इन पाँचों दिनों की अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता है। दीपावली का त्यौहार लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते है लोगों को बहुत पसंद आता है.
गणेश वंदना से हम सभी को ज्ञान और प्रतिष्ठा मिलती है और माता लक्ष्मी की पूजा से धन वैभव की कमी नहीं होती है.
माँ लक्ष्मी जी की आरती जो भी कोई गाता है तो उसे धन वैभव की कभी कमी नहीं होती है.
अंधकार को खत्म कर, बुराइयों को खत्म करने का ये त्यौहार है। दीपावली का त्यौहार बच्चे बड़े एक दूसरे के प्रति स्नेह ले आता है.
यह व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से मनाये जाने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है.
हर प्रान्त या क्षेत्र में दिवाली मनाने के तरीके और कारण अलग है, सभी जगह यह त्यौहार पीढ़ियों से चला आ रहा है। लोगों में दिवाली की बहुत उमंग होती है.
दिवाली के दिन धन, कपड़ा,मिठाइयाँ बांटने से और भी ज्यादा फायदा होता है.
लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं, लोग एक दूसरे को मिठाइयां तथा उपहार देते है, एक दूसरे से मिलते है, घरों में रंग बिरंगी रंगोलियां बनाई जाती है, दीपक जलाये जाते है, आतिशबाजी की जाती है.
अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है.
दीपावली का त्यौहार अब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा में भी कई जगह मनाया जाने लगा। वहां पर रह रहे भारतीय हिन्दू आज भी इस त्यौहार को बरकरार रख रहे हैं.
जितना हो सके इस दिन लोगों में खुशियाँ बांटनी चाहिए। बिना किसी भेद भाव के दिवाली की खुशियाँ सब में बाटनी चाहिए.
दिवाली की खुशी में एक दीपक उनके घर में भी जलाना चाहिए जहां धन नहीं हो सकता है जो असमर्थ हो एक दीपक जलाने में भी.
धन्यवाद…!
Essay on Diwali in Hindi के इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर करें अथवा कमेंट के माध्यम से अपने विचार सबके समक्ष प्रस्तुत करें.