Shanis Name: शनि महाराज एक सबसे बड़े न्यायाधीश है और शनिदेव का नाम ज्योतिष शास्त्र में अक्सर लिया जाता है। शनि देव का कुंडली में होना किसी भी व्यक्ति के लिए शुभ अशुभ होता है।
शनि देव थोड़े कठोर माने जाते है लेकिन शनि देव की पूजा आरती करने मात्र से ही उनकी कृपा आम इंसान पर पड़ने लगती है। शनि महाराज के कई भक्तों द्वारा उनकी पूजा प्रत्येक शनि दिवस पर की जाती है।
प्राचीन कथाओं के चलते शनि के दस ऐसे नाम है जिनका जिक्र करने मात्र से ही लोगों की पीड़ा खत्म हो जाती है।
प्राचीन ऋषि मुनियों में महर्षि पिप्पलाद ने शनि की संतुष्टि के लिए जिन दस नामों का जिक्र किया है और उन्होने ही शनि के इन दस नामों की रचना भी की है।
कहा जाता है कि इन नामों का उच्चारण यदि प्रति दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद शनि की प्रतिकूलता, उनकी साढ़ेसाती, शनि का ढैया आदि में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होकर उनकी कृपा प्राप्त होती है और शनि देव की कृपा के लिए अमीर से अमीर और गरीब से गरीब तरसता है।
यकीन मानिए यदि शनिदेव की कृपा किसी भी व्यक्ति को प्राप्त हो जाती है तो उसे कभी गरीबी और अन्याय का सामना नहीं करना पढ़ता है।
शनि के दस नाम में से आप किसी भी नाम का प्रयोग कर सकते है और हो सके तो आप शनि के सभी नामों का उच्चारण करें।
Shanis Name
नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते। नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते॥ नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकायच। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥ नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥
शनि देव के 10 नामों को आप प्रत्येक दिवस ले सकते है और शनिदेव की कृपा को प्राप्त कर सकते है।
शनिदेव की कृपा जिस पर हो जाती है वो मालामाल हो जाता है।
शनिदेव की पूजा करने वाला इस दुनिया में सबसे ज्यादा भाग्यशाली होता है।
शनिदेव की कुदृष्टि उस पर कभी नहीं पड़ती और कोई विघ्न उसके जीवन में नहीं आ सकता है।
Shanis Name के इन नामों का उच्चारण करते रहिए और उनके इन नामों को आप साझा भी कर सकते है।
“जय शनिदेव”
धन्यवाद