जय हिन्द दोस्तों… मैं आपका दोस्त, आपका साथी हिंदी परिचय वाला आपके लिए गणतंत्र दिवस पर कविता लेकर आया हूँ। उम्मीद करता हूँ कि Poem on Republic Day in Hindi का बेस्ट कलेक्शन आपको मेरे पास से ही मिलेगा.
तो दोस्तों बिना देरी करते हुए आप 26 जनवरी की कविताएं का प्रयोग कर सकते है। 26 जनवरी पर कविता को बच्चे अपने विद्यालय, कॉलेज, समारोह आदि में प्रयोग करते हैं.
यहाँ पर गणतंत्र दिवस पर कविता का बेस्ट संग्रह है।
यहाँ पर जितनी भी Republic Day Hindi Poem मैंने अपडेट करी है। मैं उन सभी कविताएं के लेखक को तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ.
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
आज भी लोगों को ये पूरी तरह नहीं मालूम की भारत में 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है?
भारत देश को एक संपूर्ण आजाद देश बनाने के पीछे ना जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों, भारत के वीर सपूतों ने अपना जीवन त्यागा है.
भारत को एक गणतंत्र देश और स्वतंत्र देश बनाने के पीछे न जाने कितने वीर जवानों ने अपना जीवन त्यागा है.
भारतीय स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 है और जब भारत आजाद हो गया था तब हमारे भारतीय नेताओं ने सोचा की जब भारत आजाद हो ही गया है तो भारत में अपने कुछ नियम लागू होने चाहिए जिससे किसी भी व्यक्ति के साथ कोई गलत काम न हो सके।
उसका मानवाधिकार और उसको अपना अधिकार मिल सके।
भारत एक गणराज्य देश बनने के लिए न जाने कितने वर्षों तक अंग्रेजों (ब्रिटीशियों) का सामना करता रहा है लेकिन वो घड़ी आ ही गयी जब भारत देश एक गणराज्य देश में तब्दील हुआ और आखिर में अंग्रेजी हुकूमत को हमारे देश के वीरों के आगे झुकना पड़ा और हमारे देश को छोड़कर वापस अपने देश जाना पड़ा.
भारत की स्वतंत्रता का ये संघर्ष जीतना आसान लगता है, वास्तव में इतना आसान नहीं था.
भारतीय स्वतंत्रता के पीछे ना जाने कितने लोगों की कुर्बानी उनके लहू से लिखी गयी है। भारत के आजाद होने के बाद भारतीय नेताओं की एक बहुत ही गहन ज़िम्मेदारी थी की वो भारत में संविधान लागू करे और भारत को गणराज्य बना सके.
भारत को एक मजबूत और सर्वशक्तिशाली देश के पद पर लाने की कोशिश आज भी बरकरार है। भारत पूरी तरह से आजाद है और संविधान से भरपूर है.
भारत में लोकतंत्र और राजतंत्र दोनों ही भारत की जनता के पक्ष में है। भारतीय गणतंत्र दिवस सन् 2021 में 72 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं.
26 जनवरी के दिन हमारे देश में गणतंत्र दिवस का त्यौहार बड़ी ही खुशियों के साथ धूमधाम के साथ भक्ति गीतों के साथ मनाया जाता है.
भारतीय स्वतंत्रता दिवस के बाद भारत का संविधान लागू 26 जनवरी 1950 में हुआ था जो की आज 2021 में 72वीं बार मनाया जाने वाला है.
भारत की स्वतंत्रता के लिए गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति कविताएं निम्नलिखित है और भारत की शान में कई रिपब्लिक डे पोएम लिखी गयी है.
गणतंत्र दिवस पर कविता 2021
(आओ तिरंगा फहराये)
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये;
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।
अपना 70वाँ गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेगे;
देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।
26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था,
भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंड़ा फहराया था,
मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था,
थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी,
था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।
विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,
पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है।
इसमें बताये नियमों को अपने जीवन में अपनाये,
थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाये।
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।
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26 जनवरी पर कविता और शायरी
(देखो 26 जनवरी आयी)
देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।
अधिकार दिये हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।
हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन,
लाला किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषन,
नयी उम्मीद और नये पैगाम से, करते है देश का अभिभादन,
अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,
2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।
सौगातो की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,
आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,
संविधान इसका संचालक है, हम सब का वो पालक है,
लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,
गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।
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Very Short Poem on Republic Day in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5
गणतंत्र दिवस पर हास्य कविता हिंदी में
माह जनवरी छब्बीस को हम
सब गणतंत्र मनाते |
और तिरंगे को फहरा कर,
गीत ख़ुशी के गाते ||
संविधान आजादी वाला,
बच्चो ! इस दिन आया |
इसने दुनिया में भारत को,
नव गणतंत्र बनाया ||
क्या करना है और नही क्या ?
संविधान बतलाता |
भारत में रहने वालों का,
इससे गहरा नाता ||
यह अधिकार हमें देता है,
उन्नति करने वाला |
ऊँच-नीच का भेद न करता,
पण्डित हो या लाला ||
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
सब हैं भाई-भाई |
सबसे पहले संविधान ने,
बात यही बतलाई ||
इसके बाद बतायी बातें,
जन-जन के हित वाली |
पढ़ने में ये सब लगती हैं,
बातें बड़ी निराली ||
लेकर शिक्षा कहीं, कभी भी,
ऊँचे पद पा सकते |
और बढ़ा व्यापार नियम से,
दुनिया में छा सकते ||
देश हमारा, रहें कहीं हम,
काम सभी कर सकते |
पंचायत से एम.पी. तक का,
हम चुनाव लड़ सकते ||
लेकर सत्ता संविधान से,
शक्तिमान हो सकते |
और देश की इस धरती पर,
जो चाहे कर सकते ||
लेकिन संविधान को पढ़कर,
मानवता को जाने |
अधिकारों के साथ जुड़ें,
कर्तव्यों को पहचानो ||
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Republic Day Poem in Hindi 2021
गणतंत्र दिवस पर कविता और शायरी
हम गणतंत्र भारत के निवासी, करते अपनी मनमानी,
दुनिया की कोई फिक्र नहीं, संविधान है करता पहरेदारी।।
है इतिहास इसका बहुत पुराना, संघर्षों का था वो जमाना;
न थी कुछ करने की आजादी, चारों तरफ हो रही थी बस देश की बर्बादी,
एक तरफ विदेशी हमलों की मार,
दूसरी तरफ दे रहे थे कुछ अपने ही अपनो को घात,
पर आजादी के परवानों ने हार नहीं मानी थी,
विदेशियों से देश को आजाद कराने की जिद्द ठानी थी,
एक के एक बाद किये विदेशी शासकों पर घात,
छोड़ दी अपनी जान की परवाह, बस आजाद होने की थी आखिरी आस।
1857 की क्रान्ति आजादी के संघर्ष की पहली कहानी थी,
जो मेरठ, कानपुर, बरेली, झांसी, दिल्ली और अवध में लगी चिंगारी थी,
जिसकी नायिका झांसी की रानी आजादी की दिवानी थी,
देश भक्ति के रंग में रंगी वो एक मस्तानी थी,
जिसने देश हित के लिये स्वंय को बलिदान करने की ठानी थी,
उसके साहस और संगठन के नेतृत्व ने अंग्रेजों की नींद उड़ायी थी,
हरा दिया उसे षडयंत्र रचकर, कूटनीति का भंयकर जाल बुनकर,
मर गयी वो पर मरकर भी अमर हो गयी,
अपने बलिदान के बाद भी अंग्रेजों में खौफ छोड़ गयी|
उसकी शहादत ने हजारों देशवासियों को नींद से उठाया था,
अंग्रेजी शासन के खिलाफ एक नयी सेना के निर्माण को बढ़ाया था,
फिर तो शुरु हो गया अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष का सिलसिला,
एक के बाद एक बनता गया वीरों का काफिला,
वो वीर मौत के खौफ से न भय खाते थे,
अंग्रेजों को सीधे मैदान में धूल चटाते थे,
ईट का जवाब पत्थर से देना उनको आता था,
अंग्रेजों के बुने हुये जाल में उन्हीं को फसाना बखूबी आता था|
खोल दिया अंग्रेजों से संघर्ष का दो तरफा मोर्चा,
1885 में कर डाली कांग्रेस की स्थापना,
लाला लाजपत राय, तिलक और विपिन चन्द्र पाल,
घोष, बोस जैसे अध्यक्षों ने की जिसकी अध्यक्षता,
इन देशभक्तों ने अपनी चतुराई से अंग्रेजों को राजनीति में उलझाया था,
उन्हीं के दाव-पेचों से अपनी माँगों को मनवाया था|
सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग को गाँधी ने अपनाया था,
कांग्रेस के माध्यम से ही उन्होंने जन समर्थन जुटाया था,
दूसरी तरफ क्रान्तिकारियों ने भी अपना मोर्चा लगाया था,
बिस्मिल, अशफाक, आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे,
क्रान्तिकारियों से देशवासियों का परिचय कराया था,
अपना सर्वस्व इन्होंने देश पर लुटाया था,
तब जाकर 1947 में हमने आजादी को पाया था|
एक बहुत बड़ी कीमत चुकायी है हमने इस आजादी की खातिर,
न जाने कितने वीरों ने जान गवाई थी देश प्रेम की खातिर,
निभा गये वो अपना फर्ज देकर अपनी जाने,
निभाये हम भी अपना फर्ज आओ आजादी को पहचाने,
देश प्रेम में डूबे वो, न हिन्दू, न मुस्लिम थे,
वो भारत के वासी भारत माँ के बेटे थे|
उन्हीं की तरह देश की शरहद पर हरेक सैनिक अपना फर्ज निभाता है,
कर्तव्य के रास्ते पर खुद को शहीद कर जाता है,
आओ हम भी देश के सभ्य नागरिक बने,
हिन्दू, मुस्लिम, सब छोड़कर, मिलजुलकर आगे बढ़े,
जातिवाद, क्षेत्रवाद, आतंकवाद, ये देश में फैली बुराई है,
जिन्हें किसी और ने नहीं देश के नेताओं ने फैलाई है
अपनी कमियों को छिपाने को देश को भरमाया है,
जातिवाद के चक्र में हम सब को उलझाया है|
अभी समय है इस भ्रम को तोड़ जाने का,
सबकुछ छोड़ भारतीय बन देश विकास को करने का,
यदि फसे रहे जातिवाद में, तो पिछड़कर रह जायेंगे संसार में,
अभी समय है उठ जाओं वरना पछताते रह जाओगें,
समय निकल जाने पर हाथ मलते रह जाओगे,
भेदभाव को पीछे छोड़ सब हिन्दुस्तानी बन जाये,
इस गणतंत्र दिवस पर मिलजुलकर तिरंगा लहराये।।
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26 January Poem in Hindi 2021
(मोह निद्रा में सोने वालों हिंदी कविता)
मोह निंद्रा में सोने वालों, अब भी वक्त है जाग जाओ,
इससे पहले कि तुम्हारी यह नींद राष्ट्र को ले डूबे,
जाति-पाती में बंटकर देश का बन्टाधार करने वालों,
अपना हित चाहते हो, तो अब भी एक हो जाओ,
भाषा के नाम पर लड़ने वालों,
हिंदी को जग का सिरमौर बनाओ,
राष्ट्र हित में कुछ तो बलिदान करो तुम,
इससे पहले कि राष्ट्र फिर गुलाम बन जाए,
आधुनिकता केवल पहनावे से नहीं होती है,
ये बात अब भी समझ जाओ तुम,
फिर कभी कहीं कोई भूखा न सोए,
कोई ऐसी क्रांति ले आओ तुम,
भारत में हर कोई साक्षर हो,
देश को ऐसे पढ़ाओ तुम||
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Poem on 26 January in Hindi For Kids
गणतंत्र दिवस पर कविता
जब सूरज संग हो जाए अंधियार के, तब दीये का टिमटिमाना जरूरी है|
जब प्यार की बोली लगने लगे बाजार में, तब प्रेमी का प्रेम को बचाना जरूरी है|
जब देश को खतरा हो गद्दारों से, तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है|
जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का, तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है|
जब हर ओर फैल गई हो निराशा देश में, तो क्रांति का बिगुल बजाना जरूरी है|
जब नारी खुद को असहाय पाए, तो उसे लक्ष्मीबाई बनाना जरूरी है|
जब नेताओं के हाथ में सुरक्षित न रहे देश, तो फिर सुभाष का आना जरूरी है|
जब सीधे तरीकों से देश न बदले, तब विद्रोह जरूरी है||
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Poem on Republic Day in Hindi For Class 1 & 2
गणतंत्र दिवस पर कविता
तेरी जिंदगी से बहुत दूर चले जाना है,
फिर न लौट कर इस दुनिया में आना है,
बस अब बहुत हुआ,
अब किसी का भी चेहरा इस दिल में कभी नहीं बसाना है,
तुम्हारी जिंदगी में अब मैं नहीं,
तुम्हारी जिंदगी में अब कोई और सही,
पर मेरे दिल में तुम हमेशा रहोगे,
मेरा अधूरा ख्वाब बनकर, मेरे हमनशीं,
न कर मुझे याद करके मुझपर और एहसान,
ऐसा न हो मुझे पाने की तमन्ना में,
चली जाए तेरी जान,
मैं भी कोशिश करूँगा भुलाने की तुझे,
नहीं तो हो जाऊँगा तेरे नाम पर कुर्बान ,
हसरतें दिल में दबी रह गयी,
तुझे पाकर भी जिंदगी में कुछ कमी रह गयी,
आँखों में तड़प और दिल में दर्द अब भी है,
न जाने तेरे जाने के बाद भी,
आँखों में नमी रह गयी,
मन करता है जो दर्द है दिल में,
बयां कर दूँ हर दर्द तुझसे,
अब ये दर्द छुपाए नहीं जाते,
लेकिन नहीं कह सकता कुछ तुझसे,
क्योंकि दिलो के दर्द दिखाए नहीं जाते!
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Republic Day Poem in Hindi For School Students
गणतंत्र दिवस पर कविता
मैं भारतमाता का पुत्र प्रतापी,
सीमा की रक्षा करता हूं।
जो आके टकराता है,
अहम चूर भी करता हूं।
दुश्मन की कोई भी,
दाल न गलती।
लड़कर दूर भगाता हूं,
अपने भारत के वीर गीत को,
हर मौके पर गाता हूं।
आतंकवादी अवसरवादी,
आने से टकराते हैं।
आ गए मेरी भूमि में,
तहस-नहस हो जाते हैं।
अपने देश की माटी का,
माथे पर तिलक लगाता हूं।
-शंभू नाथ|
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Republic Day Poetry Messages in Hindi
गणतंत्र दिवस पर कविता
आज नई सज-धज से
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
नव परिधान बसंती रंग का
माता ने पहनाया है।
भीड़ बढ़ी स्वागत करने को
बादल झड़ी लगाते हैं।
रंग-बिरंगे फूलों में
ऋतुराज खड़े मुस्काते हैं।
धरती मां ने धानी साड़ी
पहन श्रृंगार सजाया है।
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
भारत की इस अखंडता को
तिलभर आंच न आने पाए।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
मिलजुल इसकी शान बढ़ाएं।
युवा वर्ग सक्षम हाथों से
आगे इसको सदा बढ़ाएं।
इसकी रक्षा में वीरों ने
अपना रक्त बहाया है।
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
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Heart Touching Poem on Republic Day in Hindi
पावन है गणतंत्र यह, करो खूब गुणगान।
भाषण-बरसाकर बनो, वक्ता चतुर सुजान॥
वक्ता चतुर सुजान, देश का गौरव गाओ।
श्रोताओं का मान करो नारे लगवाओ॥
इसी रीति से बनो सुनेता ‘रामसुहावन’।
कीर्ति-लाभ का समय सुहाना यह दिन पावन॥
भाई तुमको यदि लगा, जन सेवा का रोग।
प्रजातंत्र की ओट में, राजतंत्र को भोग॥
राजतंत्र को भोग, मजे से कूटनीति कर।
झण्डे-पण्डे देख, संभलकर राजनीति कर॥
लाभ जहां हो वहीं, करो परमार्थ भलाई।
चखो मलाई मस्त, देह के हित में भाई॥
कथनी-करनी भिन्नता, कूटनीति का अंग।
घोलो भाषण में चटक, देश-भक्ति का रंग॥
देश-भक्ति का रंग, उलीचो श्रोताओं पर।
स्वार्थ छिपाओ प्रबल, हृदय में संयम धरकर॥
अगले दिन से तुम्हें, वहीं फिर मन की करनी।
स्वार्थ-साधना सधे, भिन्न जब करनी-कथनी॥
बोलो भ्रष्टाचार का, होवे सत्यानाश।
भ्रष्टाचारी को मगर, सदा बिठाओ पास॥
सदा बिठाओ पास, आंच उस पर न आए।
करे ना कोई भूल, जांच उसकी करवाए॥
करे आपकी मदद, पोल उसकी मत खोलो।
है गणतंत्र महान, प्रेम से जय जय बोलो॥
कर लो भ्रष्टाचार का, सामाजिक सम्मान।
सुलभ कहां हैं आजकल, सदाचरण-ईमान॥
सदाचरण-ईमान मिले तो खोट उछालो।
बन जाओ विद्वान, बाल की खाल निकालो॥
रखो सोच में लोच, उगाही दौलत भर लो।
प्रजातंत्र को नोच, कामना पूरी कर लो॥
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26 January Gantantra Diwas Par Kavita in Hindi
गणतंत्र दिवस पर कविता
नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….||
आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा,
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा ||
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Happy Republic Day Shayari in Hindi For WhatsApp
गणतंत्र दिवस पर शायरी
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा ||
तैरना है तो समंदर में तैरो नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो वतन से करो इस बेवफ़ा लोगों में क्या रखा है ||
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Very Short Poem on Republic Day in Hindi
26 जनवरी पर कविता
देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।
अधिकार दिये हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।
हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन, लाला किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषन,
नयी उम्मीद और नये पैगाम से, करते है देश का अभिभादन, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,
2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।
सौगातो की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है, आकार में विशाल है,
हर सवाल का जवाब है, संविधान इसका संचालक है,
हम सब का वो पालक है, लोकतंत्र जिसकी पहचान है,
हम सबकी ये शान है, गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।
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Hindi Poem on Republic Day 2021
माह जनवरी छब्बीस को हम सब गणतंत्र मनाते |
और तिरंगे को फहरा कर, गीत ख़ुशी के गाते ||
संविधान आजादी वाला, बच्चो ! इस दिन आया |
इसने दुनिया में भारत को, नव गणतंत्र बनाया ||
क्या करना है और नही क्या ? संविधान बतलाता |
भारत में रहने वालों का, इससे गहरा नाता ||
यह अधिकार हमें देता है, उन्नति करने वाला |
ऊँच-नीच का भेद न करता, पण्डित हो या लाला ||
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब हैं भाई-भाई |
सबसे पहले संविधान ने, बात यही बतलाई ||
इसके बाद बतायी बातें, जन-जन के हित वाली |
पढ़ने में ये सब लगती हैं, बातें बड़ी निराली ||
लेकर शिक्षा कहीं, कभी भी, ऊँचे पद पा सकते |
और बढ़ा व्यापार नियम से, दुनिया में छा सकते ||
देश हमारा, रहें कहीं हम, काम सभी कर सकते |
पंचायत से एम.पी. तक का, हम चुनाव लड़ सकते ||
लेकर सत्ता संविधान से, शक्तिमान हो सकते |
और देश की इस धरती पर, जो चाहे कर सकते ||
लेकिन संविधान को पढ़कर, मानवता को जाने |
अधिकारों के साथ जुड़ें, कर्तव्यों को पहचानो ||
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Patriotic Poem on Republic Day in in Hindi
गणतंत्र दिवस पर छोटी कविता
गणतंत्र दिवस की कविता का कोश इस प्रकार हैं :
आज नई सज-धज से गणतंत्र दिवस फिर आया है।
नव परिधान बसंती रंग का माता ने पहनाया है।
भीड़ बढ़ी स्वागत करने को बादल झड़ी लगाते हैं।
रंग-बिरंगे फूलों में ऋतुराज खड़े मुस्काते हैं।
धरती मां ने धानी साड़ी पहन श्रृंगार सजाया है। गणतंत्र दिवस फिर आया है।
भारत की इस अखंडता को तिलभर आंच न आने पाए।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मिलजुल इसकी शान बढ़ाएं।
युवा वर्ग सक्षम हाथों से आगे इसको सदा बढ़ाएं।
इसकी रक्षा में वीरों ने अपना रक्त बहाया है। गणतंत्र दिवस फिर आया है।
आपके लिए : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
राष्ट्रीय ध्वज पर कविता और निबंध – Poem on Indian Flag in Hindi
केवळ ध्वज फडफडत नाही,
आठवणी विसरून विसरू नका,
आठवणी विसरू नका,
त्यांच्या चूक पुढे जाण्यासाठी,
जीवनासाठी नाही,
आयुष्यासाठी लूटण्याकरिता,
आम्ही वादळ पासून कसं काय बाहेर आणले आहे,
माझ्या मुलांवर नियंत्रण ठेवण्यासाठी हा देश ठेवा….
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Patriotic Poem For Republic Day in Hindi
आज मेरे देश में गणतंत्र हैं आया
देश में हर तरफ लोकतंत्र हैं छाया
ना करना अब हमसे कोई सवाल
स्वइच्छा किया हैं हमने मतदान
अब न सुनेंगे कोई बहाना
लोकतंत्र ही हैं शक्ति भलीभांति जाना
अगर की अपनी मनमानी
सुनेंगे नहीं कोई कहानी
फिर से उठालेंगे हथियार
मतदान हैं हमारा अधिकार
अगर आना हैं अगली बार
विकास करो मोदी इस बार…
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26 January Poem in Hindi For School Students
भारत देश हमारा है यह
हमको जान से प्यारा है
दुनिया में सबसे न्यारा यह
सबकी आंखों का तारा है
मोती हैं इसके कण- कण में
बूँद- बूँद में सागर है
प्रहरी बना हिमालय बैठा
धरा सोने की गागर है
भूमि ये अमर जवानों की है
वीरों के बलिदानों की
रत्नों के भंडार भरे हैं
गाथा स्वर्णिम खानों की
सत्य, अहिंसा, शांति बाँटता
इसकी शान तिरंग़ा है
गोद खेलती नटखट नदियाँ
पावन यमुना- गंगा है
चंदन की माटी से महके
मातृभूमि को वंदन है
कोटि-कोटि भारतवालों का
सुंदर सा यह नंदन है
दुनिया में सबसे न्यारा यह
सबकी आँखों का तारा है
हमको जान से प्यारा यह
भारत देश हमारा है.-
जय हिन्द ,जय भारत..
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Gantantra Diwas in Hindi Poem
मत घबराओ, वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा।
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
कोई वीर अभिमन्यु बनकर ,
चक्रव्यू को तोड़ेगा
कोई वीर भगत सिंह बनकर अंग्रेजो के सिर फोढेगा।।
धीर धरो तुम वीर जवानों ,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जायेगा
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
कलकल करती गंगा यमुना ,
जिसके गुण ये गाती हैं
भारत की इस पुण्य धरा में,
अपना गुंजार सुनती हैं।।
आज तिरंगे के रंगों को फीका नहीं होने देगे
इस तिरंगे की शान के लिए ,
अपना सर्वस्व लूटा देगे।।
अब मत घबराओ वीर शहीदों ,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जायेगा ,
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
वीर अमर शहीदों की कुर्बानी को,
कोई भुला ना पाएगा
जब आत्याचार बढ़ेगा धरती पर,
एक महापुरुष आ जायेगा
मत घबराओ वीर जवानों
जब भारत का बच्चा बच्चा देशभक्त बन जाएगा।।
26 January Republic Day Short Poem in Hindi 2021
वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसा ना तोड़ पाए कोई,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान ||
Republic Day Quotes Messages in Hindi For WhatsApp Facebook
हर तूफान को मोड़ दे जो हिन्दोस्तान से टकराए
चाहे तेरा सीना हो छलनी तिरंगा उंचा ही लहराए |
Happy Republic Day 2021 SMS in Hindi
बंद करो ये तुम आपस में खेलना अब खून की होली
उस मा को याद करो जिसने खून से चुन्नर भिगोली |
Happy Republic Day 2021 Shayari in Hindi
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में
भारत मा का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में |
Happy Republic Day 2021 Quotes in Hindi
इतना ही कहेना काफी नही भारत हमारा मान है
अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है |
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किसकी राह देख रहा , तुम खुद सिपाही बन जाना
सरहद पर ना सही , सीखो आंधियारो से लढ पाना |
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विकसित होता राष्ट्र हमारा , रंग लाती हर कुर्बानी है
फक्र से अपना परिचय देते,हम सारे हिन्दोस्तानी है |
साथ ही लोग 26 जनवरी पर शायरी, गणतंत्र दिवस पर स्लोगन , गणतंत्र दिवस पर लेख, गणतंत्र दिवस पर भाषण, गणतंत्र दिवस पर कविता, 26 जनवरी पर कविता, गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन, गणतंत्र दिवस गीत भी सर्च करते हैं.
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आप सभी को भारतीय गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं…!
Aapka yah post bahut hi achha lga isko share karne ke liye Dhnybad.
बहुत ही बढ़िया कविता ..जय हिन्द