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Difference Between Lohri and Makar Sankranti in Hindi
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लोहड़ी और मकर संक्रांति के बीच का अंतर जानें

Difference Between Lohri and Makar Sankranti in Hindi 2024

बहुत से लोगों की मान्यता होती है कि मकर संक्रांति और लोहड़ी यह दो त्यौहार आपस में एक जैसे होते हैं। तो उनकी इस परेशानी का हल मैं लेकर आया हूं और मैं यह पूरी तरीके से क्लियर कर दूंगा कि मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्योहार दोनों ही अलग-अलग त्योहार है।

2024 Makar Sankranti and Lohri in Hindi

मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्यौहार भारतीय त्योहारों में से हैं और यह प्रत्येक वर्ष भारतीय द्वारा मनाए जाते हैं। यह दोनों त्यौहार प्राचीन कथाओं पर आधारित है। लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्यौहार आपस में एक दूसरे से संबंधित नहीं है। मकर संक्रांति का त्यौहार लोहड़ी से बिल्कुल अलग है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी, तिल के लड्डुओं का त्यौहार माना जाता है। जबकि लोहड़ी का त्यौहार मूंगफली, गजक, रेवड़ी आदि का त्योहार माना जाता है।

Information About Lohri 2024 in Hindi

13 जनवरी 2024 में लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाएगा और लोहड़ी का त्यौहार अधिकतर पंजाबी लोगों द्वारा मनाया जाता है।

लोहड़ी बनाने के लिए एक खाली जगह पर काफी लकड़ियां इकट्ठी करके उसके ऊपर उपले डालकर तथा उसमें आग लगाकर उसके चारों तरफ गाने गाए जाते हैं और डांस किया जाता है और लख लख बधाइयां दी जाती है। लोहड़ी की जिसमें मूंगफली, गजक, रेवड़ी आदि अपने रिश्तेदारों दोस्तों आदि को बांटी जाती है। लोहड़ी का त्यौहार साल में एक बार आता है और यह ठंड की फसलों के बाद मनाया जाता है। इस त्यौहार की मान्यता बहुत विख्यात रूप से है।

Information About Makar Sankranti 2024 in Hindi

मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी 2024 को मनाया जाने वाला है। यह तो हर हिंदू धर्म में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव का मकर राशि के अंदर आना और अपने बेटे शनिदेव से मिलना है। शनि और सूर्य देव का आपस में पिता और बेटे का रिश्ता है जिसमें की शनिदेव और सूर्यदेव की आपस में बनती नहीं थी, परंतु मकर संक्रांति का दीपक सा दिवस होता है जिसमें शनिदेव की प्रिय राशि मकर राशि में सूर्य देव को आना ही पड़ता है। जिसके कारण हमें यह प्रतीत होता है कि यह एक पिता का अपने पुत्र से मिल ने का त्यौहार है।

मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाता है। इस त्यौहार को उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषा में खिचड़ी का त्यौहार कहा जाता है। इस त्यौहार पर खिचड़ी का लेनदेन करना और घर में खिचड़ी बनाना महत्व रखता है। मकर संक्रांति के दिन घर में रात के समय तिल के लड्डू और उबली हुई शकरकंदी जैसे लाजवाब और व्यंजनों को खाना होता है।

मकर संक्रांति और लोहड़ी आपस में अलग-अलग त्यौहार है और दोनों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। दोनों ही भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में माने जाते हैं।


1. लोहड़ी और मकर संक्रांति क्या हैं?

लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों ही भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख फसल उत्सव हैं। लोहड़ी मुख्य रूप से पंजाब में और मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों से मनाई जाती है।

2. दोनों में कौन सा पहले मनाया जाता है?

लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले, यानी पौष माह की अंतिम रात को मनाई जाती है। जबकि मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दिन, माघ माह के पहले दिन मनाई जाती है।

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3. दोनों त्योहारों का महत्व क्या है?

लोहड़ी का संबंध फसल कटाई के उत्सव से है, जबकि मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने और दिनों के लंबे होने के उत्सव से जुड़ा है। इसके अलावा, मकर संक्रांति को भगवान विष्णु के शयन से जागने और भागीरथ द्वारा गंगा को पृथ्वी पर लाने की कथा से भी जोड़ा जाता है।

4. दोनों त्योहार कैसे मनाए जाते हैं?

लोहड़ी का त्योहार बोनफायर जलाकर, तिल, रेवड़ी और मूंगफली को आग में अर्पित करके, भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करके और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर मनाया जाता है।

मकर संक्रांति के उत्सव में स्नान, दान, पूजा-पाठ, पतंग उड़ाना, तिल-गुड़ के लड्डू खाने और विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेना शामिल होता है।

5. लोहड़ी और मक\र संक्रांति के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?

  • समय: लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाई जाती है।
  • परंपराएं: लोहड़ी का उत्सव पंजाब में अधिक प्रचलित है, जबकि मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाई जाती है।
  • कथा: लोहड़ी मुख्य रूप से फसल कटाई से जुड़ी है, जबकि मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण और पौराणिक कथाओं से जुड़ी है।
  • उत्सव का स्वरूप: लोहड़ी का उत्सव अधिक नाच-गाने और खुशियों भरा होता है, जबकि मकर संक्रांति का उत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर अधिक केंद्रित होता है।

हालाँकि, दोनों ही त्योहार खुशियों, समृद्धि और एकता का प्रतीक हैं और लोगों को एक साथ आने और मनाने का अवसर प्रदान करते हैं।

6. क्या लोहड़ी और मकर संक्रांति को एक साथ भी मनाया जाता है?

हालांकि दोनों त्योहार अलग-अलग हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में लोग दोनों को एक साथ मनाने के लिए संयुक्त उत्सव का आयोजन करते हैं। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में होता है जहां पंजाबी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा रहता है, जैसे दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्से।

7. क्या दोनों त्योहारों में इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ समान हैं?

दोनों त्योहारों में तिल और रेवड़ी का विशेष महत्व है। हालांकि, मकर संक्रांति में तिल-गुड़ के लड्डू और खिचड़ी जैसे व्यंजन भी अधिक प्रचलित हैं, जबकि लोहड़ी में मूंगफली का भी अधिक उपयोग किया जाता है।

8. क्या दोनों त्योहारों में भांगड़ा और गिद्दा नृत्य किए जाते हैं?

भांगड़ा और गिद्दा नृत्य मुख्य रूप से लोहड़ी के उत्सव से जुड़े हैं और पंजाबी संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में मकर संक्रांति के अवसर पर भी इन नृत्यों का प्रदर्शन किया जा सकता है।

9. क्या दोनों त्योहारों में पतंग उड़ाना शामिल है?

पतंग उड़ाना मकर संक्रांति के उत्सव का एक विशिष्ट हिस्सा है, और इसे पूरे देश में विभिन्न नामों से जाना जाता है। हालांकि, लोहड़ी के उत्सव में पतंग उड़ाने की परंपरा आम नहीं है।

10. क्या विदेशों में भी लोहड़ी और मकर संक्रांति मनाई जाती हैं?

हां, विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदायों द्वारा लोहड़ी और मकर संक्रांति दोनों त्योहार उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने और अपने बच्चों को त्योहारों का महत्व बताने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन करते हैं।

आशा करता हूं कि आपको मकर संक्रांति और लोहड़ी के बीच के अंतर का फल आपको मिल गया होगा। दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा होगा और आप इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। धन्यवाद

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